आसमानी ख़्याल
- Angika Basant
- Oct 5, 2006
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Updated: Jul 25, 2020
आज की रात कुछ बादलों में कटेगी
ज़मीन पर तारे और
आसमान में धुंधले ख़्वाब देखकर
ना तुम रहोगे, ना तुम्हारा स्पर्श, लेकिन
आज की रात में तुम्हारे
एहसास की रौशनी बिख्रेगी
मंजिलों को खोजती इस रात में
मन कई राहों से गुजरेगा
और हर रास्ता निकलेगा तुमसे लगकर
तुम्हें पाना इकलौती आरजू तो नहीँ
फिर भी, इस कश्ती से मेरी नज़र
हर साहिल पर तुम्हे ढ़ूँन्ड़ेगी
आज की रात कुछ बादलों में कटेगी
ज़मीन पर तारे और
आसमान में धुंधले ख़्वाब देखकर।
हवाई जहाज़
बंगलोर से दिल्ली
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