इत्तर की एक शीशीAngika BasantSep 24, 20151 min readइत्तर की एक शीशी ला दोजिसमें प्यार तुम्हारा उतार लूँसवेरे मन मेहकाया करूँतुम्हारे एहसास में रात गुज़ार दूँ
जाड़ों की धूपजनवरी की हलकी पीली धूप ने आज शाम को इस दीवार पर परछाइयों से कुछ ख़ामोश सी बातें कहीं कि मकड़ियों के जाले कहाँ-कहाँ छिपे और घर के शीशे कहाँ...
Silly GirlGolden and yellow She sat fluttering her wings, Waiting for someone To say interesting things. She waited so long That years flew by, She...
आसमानी ख़्यालआज की रात कुछ बादलों में कटेगी ज़मीन पर तारे और आसमान में धुंधले ख़्वाब देखकर ना तुम रहोगे, ना तुम्हारा स्पर्श, लेकिन आज की रात में...
Comments